WORLD OZONE DAY
वर्ल्ड ओजोन डे के बारे में
01 ओजोन का रासायनिक नाम - O₃ , इसका रंग हल्का नीला होता है.
02 वर्ल्ड ओजोन डे की स्थापना - 16 सितंबर 1987,
03 वर्ल्ड ओजोन डे की तारीख - 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 दिसंबर की तारीख को अंतरराष्ट्रीय ओजोन डे मनाने का फैसला लिया,
ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।
ओजोन परत में छिद्र की खोज साल 1985 में, ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के एक शोधकर्ता जोनाथन शंकलिन ने ओजोन शील्ड में छेद की खोज की थी। जब सैटेलाइट्स की मदद से पता चला तो पाया कि ओजोन परत में 20 मिलियन वर्ग किमी का एक छेद है जो बहुत बड़ा है।
हर साल 16 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस (World Ozone Day) मनाया जाता है। वैज्ञानिकों ने सन 1985 में ओजोन लेयर में छेद होने के बारे में दुनिया को बताया। इसके बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने ओजोन छिद्र को कैसे रोका जा सके इस समस्या के समाधान को लेकर बैठक होने लगी। सन 1985 में ओजोन लेयर की रक्षा के लिए वियना कन्वेंशन को अपनाया। ओजोन परत के संरक्षण के लिए वियना कन्वेंशन ने हस्ताक्षर 22 मार्च 1985 किये। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन लेयर को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर 16 सितंबर 1987 को हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 दिसंबर की तारीख को अंतरराष्ट्रीय ओजोन डे घोसित कर दिया। इसके बाद से सन 16 सितंबर 1995 में पहला वर्ल्ड ओजोन डे मनाया गया। इसके बाद से हरसाल वर्ल्ड ओजोन डे
हर साल 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जाता है। इस लिए मनाया जाता है की लोगों को प्रकृति को लेकर जागरूकता मिले। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1994 को की थी। इस दिन लोगों को प्रकृति और ओजोन को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है और वातावरण को कैसे शुद्ध किया जा सकता है हर साल 16 सितंबर के दिन कार्यक्रम के द्वारा बताया जाता है। कि इस दिन का क्या महत्व है। हर साल लोगो को ओजोन डे पर क्लोरोफ्लोरोकार्बन, प्लास्टिक और सभी हानिकारक पदार्थों के इस्तेमाल को कम करने और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है। जिससे पृथ्बी और ओजोन परत को हानि हानि ना हो।ओजोन परत
ओजोन परत हमारी धरती के लिए एक ढाल की तरह काम करती है। ओजोन गैस ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली गैस है। और ये पृथ्वी के वायुमंडल की ऊपरी परत है जो सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट परबैगनिक किरणों को पृथ्बी परआने से रोकती है। और किरणे पृथ्बी पर नही पहुंच पाती है ओजोन लेयर पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं और पौधों को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है। साल 1985 में ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के एक शोधकर्ता जोनाथन शंकलिन ने ओजोन परत में छेद होने की खोज की थी। सैटेलाइट्स की मदद से देखने पर पता चला कि ओजोन परत में 20 मिलियन वर्ग किमी का एक छेद है। जो धीरे बढ़ रहा है। ओजोन का रासायनिक नाम O₃ तथा इसका रंग हल्का नीला होता है। ओज़ोन परत में ओज़ोन गैस की मात्रा अधिक पाई जाती है।ओजोन गैस एक हानिकारक गैस है। यह काफी बदबूदार होती है औऱ अत्यधिक प्रतिक्रियाशील भी होती है। समताप मंडल में ऊपर की और मध्य मंडल के नीचे दोनों के बीच में मौजूद होती है।
ओज़ोन परत के बारे में जानकारी
ओजोन अगर पृथ्वी के वायुमंडल के पास होता तो इसका ग्रीनहाउस प्रभाव जीवन के लिए काफी खतरनाक हो जाता। ग्लोबल वार्मिंग और अन्य तरह की समस्याएं होती।
ओजोन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर पृथ्वी तक पहुंचने वाले यूवी प्रकाश की मात्रा को मापते हैं, जिससे यह पता चलता है कि वायुमंडल में ओजोन कितना है।
ओजोन की मात्रा मापने की सुविधाजनक इकाई का नाम डोबसन के सम्मान में डोबसन इकाई रखा गया है
ओजोन की सुरक्षा के उपाय 01 प्रदुषण कम से कम करे और बातावरण साफ रखे।
03 वाहन का इस्तेमाल कम से कम करें04 रबर और प्लास्टिक के टायर जलाने पर रोक लगाएं।05 ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं ।06 पौधे को नुकसान पहुंचाने वाले पेस्टीसाइड रसायन का उपयोग कम से कम करें ।
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दिवस
Nice post
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